लोकनाथ मंदिर चिटगांव के फिरंगीबाजार में स्थित है। इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमण दास ने इस घटना का एक वीडियो भी शेयर किया है, जिसमें स्पष्ट तौर पर मुस्लिमों की उन्मादी भीड़ को देखा जा सकता है। मुस्लिम कट्टरपंथी खुलेआम सड़कों पर लाठी, डंडे और तलवार लेकर चिल्लाते हुए मंदिर पर पत्थरबाजी करते हुए देखे जा सकते हैं। इस्कॉन प्रवक्ता ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रंप समेत दूसरे वैश्विक नेताओं से इस मामले में हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई है। इसके साथ ही उन्होंने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और कट्टरपंथियों द्वारा की जा रही हिंसा की आलोचना की। राधारमण दास ने कहा कि चिन्मय कृष्ण दास और सनातनी समुदाय नागरिक के रूप में सम्मान और न्याय के हकदार हैं।
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गौरतलब है कि इससे पहले भी 22 नवंबर को बांग्लादेश के उत्तर मगुरा में एक मुस्लिम कट्टरपंथी ने प्रसिद्ध काली मंदिर पर हमला कर दिया। उसने मूर्तियों को तोड़ दिया था। हालांकि, बाद में हिन्दुओं ने उसे पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। इसी तरह से 11 नवंबर को भी राजाबारी जिले के बलियाकांडी के अंतर्गत आने वाले चामाता गांव में हुमांयू ने मंदिर में घुसकर मूर्तियों में तोड़फोड़ की थी।
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10 अक्तूबर 2024 को सतखिरा के श्यामनगर स्थित प्रसिद्ध काली मंदिर से स्वर्ण मुकुट को एक कट्टरपंथी ने चोरी कर लिया था। खास बात ये कि ये मुकुट पीएम मोदी ने 2021 में मां काली को समर्पित किया था। इसी प्रकार की एक अन्य वारदात 21 अगस्त 2024 को बांग्लादेश के ही गाजीपुर उपजिला के कलियाकैर स्थित राधागोबिंद लोकनाथ नट मंदिर में भी 50 मुस्लिम कट्टरपंथियों ने जमकर तोड़फोड़ की थी। उससे पहले चपैनवाबगंज जिले के शिबताला करमाकर स्थित हिन्दू मंदिर में मुस्लिम कट्टरपंथियों ने तोड़फोड़ और श्रद्धालुओं के साथ मारपीट की थी।