बीते कुछ वक्त में मध्य प्रदेश के खंडवा में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इस्लाम त्याग कर अपने मूल धर्म यानि कि सनातन धर्म में घर वापसी की है। इसी क्रम में एक और नाम जुड़ गया है अनवर शेख का जो कि सनातन धर्म, उसका वैभव और उसमें स्त्रियों को देवी के रुप में पूजे जाने से काफी प्रभावित हैं। इसीलिए अनवर ने घर वापसी की।
क्या है पूरा मामलाखंडवा के रहने वाले अनवर शेख की लंबे वक्त से सनातन धर्म में आस्था थी। इसी के कारण वो घर वापसी करना चाहते थे। अपनी इसी इच्छा को लेकर अनवर ने हिन्दू संगठनों से संपर्क साधा और फिर उनसे सनातन धर्म में घर वापसी कराने का निवेदन किया। इसके बाद वैदिक विधि-विधान के साथ अनवर का मुंडन कराया गया और फिर गंगा जल से स्नान कराके उनका शुद्धिकरण कराया। इसके बाद उन्हें सनातन धर्म में शामिल कराया गया। इस मौके पर उन्होंने भगवान भोलेनाथ के जयकारे लगाए।
देवियों की पूजा से हृदय परिवर्तनघर वापसी के बाद अनवर ने अपना नाम बदलकर राधेश्याम रख लिया। करीब 23 वर्ष पहले ही अनवर ने लक्ष्मी नाम की हिन्दू युवती के साथ विवाह किया था। अनवर घर वापसी करने को लेकर कहते हैं कि सनातन धर्म और इसका वैभव बहुत ही प्राचीन है। इसमें किसी भी तरह का रोक टोक नहीं है। इसमें देवियों को पूजा जाता है। केवल देवताओं नहीं वरन देवी मां की आराधना का विशेष महत्व है इसमें। सनातन धर्म ही एकमात्र धर्म है, जहां मां काली, मां दुर्गा समेत अन्य देवियों को माता कहा जाता है। ये सब देखने के बाद मेरा दिल बदल गया। मैं इसके बारे में सोचने लगा।
सनातन धर्म जैसी इज्जत इस्लाम में नहींराधेश्याम बने अनवर इस बात को स्वीकार करते हैं कि जितना सम्मान और इज्जत सनातन धर्म में स्त्रियों को दी जाती है, उतनी इस्लाम में नहीं है।